भारत भाग्य विधाता
“भारत विकास आयोग” ( Bharat Development Commission ) भारत और उसके नागरिकों के समग्र विकास पर केंद्रित एक नवगठित संगठन इसका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास सहित राष्ट्रीय प्रगति के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना है। आयोग समग्र मानव संसाधन विकास पर ज़ोर देता है और शिक्षा, कौशल विकास और अनुसंधान से संबंधित कार्यक्रमों को लागू करने की योजना बनाता है।
देश के नागरिकों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से “भारत विकास आयोग (Bharat Development Commission)” की स्थापना की गई है। यह आयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में काम करेगा।
आयोग का लक्ष्य है कि प्रत्येक नागरिक तक विकास की मुख्यधारा पहुँचाई जाए और मानव संसाधन का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए आयोग शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान, नवाचार और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देगा।
भारत विकास आयोग देश के अग्रणी गैर-सरकारी संगठनों (NGO) में सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है। हमारा उद्देश्य भारत और उसके नागरिकों का समग्र विकास करना है।हम समाज के उन वर्गों के लिए काम करते हैं जो सबसे अधिक वंचित और असहाय हैं। हमारा विश्वास है कि प्रत्येक नागरिक को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक सम्मानजनक, सुरक्षित और योग्य जीवन जीने का अधिकार है।
भारत विकास आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री [Mr. Raul Kumar] ने बताया कि आयोग पूरे देश में राज्य स्तरीय समन्वयक नियुक्त करेगा और युवाओं को सामाजिक सेवा से जोड़ने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा।
“भारत विकास आयोग (Bharat Development Commission)” की स्थापना देश के नागरिकों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से की गई है। यह आयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में काम करेगा। आयोग का लक्ष्य है कि प्रत्येक नागरिक तक विकास की मुख्यधारा पहुँचाई जाए और मानव संसाधन का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए आयोग शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान, नवाचार और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देगा। भारत विकास आयोग देश के अग्रणी गैर-सरकारी संगठनों (NGO) में सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है।
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हमारी गतिशिल और ऊर्जावान भारत विकास आयोग टीम हमेशा देश और उसके नागरिकों का संपूर्ण विकास के लिए सर्वोत्तम एवं संभावित क्षमता के लिए काम करने का प्रयास करती रहती है। शुरू से ही हम देश और उसके नागरिकों का संपूर्ण विकास, सुरक्षा और उनके अधिकार एवं बेहतर भविष्य के लिए व्यवस्था व समाधान की योजना बनाते रहते हैं।
हम भारत में भारत के शीर्ष सामाजिक संगठन हैं । हमारी मुख्य रुचि महिला सशक्तिकरण, बाल विकास, मानवाधिकार और पृथ्वी संरक्षण आदि है।
भारत में रोज़गार सृजन के प्रमुख कारकों में से एक कौशल विकास को माना गया है। भारत अन्य देशों की तुलना में इस मामले में आगे है कि इसकी 60% से ज़्यादा आबादी 25 वर्ष से कम आयु की है। हालाँकि, इतने बड़े कार्यबल का लाभ उठाने के लिए, रोज़गार क्षमता में वृद्धि करनी होगी। वर्तमान आँकड़ों के अनुसार, हाल ही में स्नातक हुए केवल 10% ही रोज़गार योग्य हैं, और शेष 90% में किसी कंपनी द्वारा नियुक्त किए जाने के लिए आवश्यक कौशल का अभाव है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद 6-8% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है, लेकिन रोज़गार सृजन इस वृद्धि के साथ नहीं बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण योजना सरकार की छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। सशक्तिकरण सिद्धांत बताता है कि युवाओं को सामाजिक, सार्थक और समुदाय को बढ़ाने वाली गतिविधियों में शामिल करना, जिन्हें युवा स्वयं परिभाषित और नियंत्रित करते हैं, युवाओं को उत्पादक और स्वस्थ वयस्क बनने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कौशल, जिम्मेदारियाँ और आत्मविश्वास हासिल करने में मदद करता है।
किसी भी समाज के विकास का सीधा सम्बन्ध उस समाज की महिलाओं के विकास से जुड़ा होता है| महिलाओं के बिना व्यक्ति, परिवार और समाज के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है| शिक्षा, कौशल विकास, रोज़गार के अवसरों में वृद्धि आदि के माध्यम से महिला सशक्तिकरण प्राप्त किया जा सकता है। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारी योजनाएँ भारत सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक हैं।
ग्रामीण सशक्तिकरण का अर्थ है ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं, को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना। इसका उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना, उनकी जीवनशैली में सुधार करना, और उन्हें विकास की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाना है, ग्रामीण सशक्तिकरण एक बहुआयामी प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न हितधारकों को शामिल करने की आवश्यकता होती है।
भारत विकास आयोग—विशेषतः उसकी शिक्षा, युवा सशक्तिकरण और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने की परियोजनाओं को—सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा खुले दिल से सराहा गया है।